Akhilesh Yadav के 5 मुफ्त वादों की पड़ताल: सिर्फ फ्री 300 यूनिट बिजली 20 लाख करोड़ का नुकसान कराएगी, 2 और चीजें 18 हजार करोड़ खर्च बढ़ा देंगी

Akhilesh Yadav के 5 मुफ्त वादों की पड़ताल: सिर्फ फ्री 300 यूनिट बिजली 20 लाख करोड़ का नुकसान कराएगी, 2 और चीजें 18 हजार करोड़ खर्च बढ़ा देंगी

Akhilesh Yadav ने 88 पेज के मेनिफेस्टो में 500 से ज्यादा वचन दिए हैं। नाम है, ‘वचन पत्र’ और सबसे ज्यादा वचन ‘फ्री’ चीजें देने के हैं। हम यहां उनमें से सिर्फ 5 वादे और उनकी हकीकत की पड़ताल लाए हैं।

वादा 1: बीपीएल परिवारों को हर साल 2 एलपीजी सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा

यूपी में बीते 8 महीने में सिलेंडर 356.5 रुपए महंगे हुए हैं।

 

यूपी में बीते 8 महीने में सिलेंडर 356.5 रुपए महंगे हुए हैं।

पूरा होने की हकीकतः 1 मई 2020 को एलपीजी सिलेंडर की कीमत 581 रुपए थी। 1 जून 2021 को 800 और जनवरी 2022 को 937.50 रुपए पहुंच गई। यानी 8 महीने में 356.5 रुपए महंगाई बढ़ी। अगर गति बरकरार रही और अखिलेश की सरकार आई तो कीमतें 100% ज्यादा बढ़ चुकी होंगी।

ऐसे में 3.5 करोड़ बीपीएल कार्ड धारकों को सालाना 2 सिलेंडर मुफ्त देने में 6.5 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ सकता है।

वादा 2: बाइक वालों को हर महीने 1 लीटर पेट्रोल और ऑटो चालकों को हर महीने 3 लीटर पेट्रोल मुफ्त

यूपी में 2.6 करोड़ लोगों के पास बाइक हैं।

 

यूपी में 2.6 करोड़ लोगों के पास बाइक हैं।

पूरा होने की हकीकतः यूपी सरकार ने पेट्रोल पर 7 रुपए और डीजल पर 2 रुपए वैट घटाया है। ये एक तरह का टैक्स होता है। इसे घटाने से सरकार पर हर महीने 500 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। रुपए में जोड़ेंगे तो ये 6 हजार करोड़ रुपए सलाना होगा।

अगर अखिलेश सरकार की मुफ्त योजना आती है तो अकेले 2.6 करोड़ बाइकों चालकों को महीने में 10.4 करोड़ रुपए लीटर मुफ्त पेट्रोल देना होगा। इससे हर साल 11,294 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पढ़ेगा।

वादा 3: लड़कियों को KG से पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने का वादा खर्चीला

यूपी की 27 स्टेट यूनिवर्सिटी और 7,391 डिग्री कॉलेजों में कुल 50,21,277 छात्र हैं, जिनमें से 31,63,404 लड़कियां हैं।

 

यूपी की 27 स्टेट यूनिवर्सिटी और 7,391 डिग्री कॉलेजों में कुल 50,21,277 छात्र हैं, जिनमें से 31,63,404 लड़कियां हैं।

पूरा होने की हकीकतः दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर और कानपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक कुमार बताते हैं, ”एक से 12वीं तक मुफ्त शिक्षा का खर्चा सरकार आसानी वहन कर सकती है। लेकिन उच्च शिक्षा का खर्च पूरा करना थोड़ा मुश्किल होगा।” ऐसा क्यों है। उन्होंने बताया, ”यूनिवर्सिटी में दो तरह के कोर्स होते हैं।

एक- रेगुलर कोर्स और दूसरा- सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स। अगर सपा का वादा केवल रेगुलर कोर्स तक सीमित है। तो यह पूरा किया जा सकता है। लेकिन सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स की पढ़ाई का खर्च इसमें मिला दिया जाए तो इसे पूरा करना कठिन होगा।”

यूपी उच्च शिक्षा निदेशालय की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 सत्र में यूपी की 27 स्टेट यूनिवर्सिटी और 7,391 डिग्री कॉलेजों में कुल 50,21,277 छात्र हैं, जिनमें से 31,63,404 यानी 63% लड़कियां हैं। यूपी में सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स का कोई औसत नहीं है। कोई कोर्स 30 हजार का है तो कोई एक लाख का भी है। ऐसे में सरकार को अलग से कई हजार करोड़ रुपए देने होंगे। इसका सटीक अंदाजा नहीं लग सकता।

वादा 4:लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने में होगा 20 लाख करोड़ का घाटा

फरवरी के अंत तक यूपी में मेगावाट ग्रिड की क्षमता 30 हजार पहुंच जाएगी।

 

फरवरी के अंत तक यूपी में मेगावाट ग्रिड की क्षमता 30 हजार पहुंच जाएगी।

पूरा होने की हकीकतः इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. मनोज शुक्ला ने एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में बताया, “फरवरी के अंत तक यूपी में मेगावाट ग्रिड की क्षमता 30 हजार पहुंच जाएगी। इस वक्त उत्तर प्रदेश विद्युत विभाग 90 हजार करोड़ के घाटे में है। अगर 300 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी तो ये घाटा 20 लाख करोड़ पहुंच जाएगा।”

अखिलेश ने अपने वचन पत्र में घरेलू उपभोगताओं को 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा किया है।

वादा 5: टारगेट से 50% डीएपी भी नहीं मिली, अब दो बोरी मुफ्त देने का दावा

खाड़ी देशों में डीएपी खाद का स्टॉक कम होने से यूपी में असर दिख रहा है। राज्य ने रबी सीजन के लिए 6 लाख टन डीएपी की मांग की थी, लेकिन इसका आधा हिस्सा भी नहीं भेजा गया।

 

खाड़ी देशों में डीएपी खाद का स्टॉक कम होने से यूपी में असर दिख रहा है। राज्य ने रबी सीजन के लिए 6 लाख टन डीएपी की मांग की थी, लेकिन इसका आधा हिस्सा भी नहीं भेजा गया।

पूरा होने की हकीकतः यूपी कृषि विभाग के आंकड़े अनुसार, साल 2021 के सिर्फ रबी सीजन में सब्‍सिडी वाली डीएपी खाद 6 लाख टन बंटनी थी। लेकिन सिर्फ 2.2 लाख टन डीएपी केंद्र सरकार की तरफ से मिली। खाड़ी देशों से केंद्र को खाद न मिल पाना इसकी बड़ी वजह रही। दरअसल, केंद्र सरकार खाड़ी देशों से डीएपी खरीद कर राज्यों को उनकी मांग के मुताबिक स्टॉक भेजती है।

अब अखिलेश ने वादा किया है कि वो किसानों को 2 बोरी डीएपी मुफ्त दे देंगे। ऐसे में सरकार पर और दबाव पड़ेगा। पहले ही आधी मिल रही है, अबर फ्री बांटी गई तो डीएपी खाद की बोरियां और कम हो जाएंगी और गोदामों पर किसानों की लाइन और लंबी।

अखिलेश के मुफ्त वादे जनता को पसंद आए या नहीं। ये 10 मार्च को पता चलेगा।

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