Belgium में नया श्रम कानून लागू होने के बाद अब सप्‍ताह में 4 दिन ही करना होगा काम

Belgium में नया श्रम कानून लागू होने के बाद अब सप्‍ताह में 4 दिन ही करना होगा काम

बेल्जियम (Belgium) में अब कर्मचारी सप्‍ताह में चार दिन ही काम (4 days week) करेंगे. लेबर यूनियन और बिजनेस समूहों के बीच हुए एक समझौते के तहत अब अगर कोई कर्मचारी (Employee) सप्‍ताह में चार दिन काम करने की मांग नियोक्‍ता (Employer) से करता है तो उसे इसकी इजाजत दी जाएगी और इसके लिए वेतन में कटौती भी नहीं होगी. यही नहीं, एक कर्मचारी एक सप्‍ताह ज्‍यादा दिन काम करके अगले सप्‍ताह कम दिन भी काम कर सकेगा.

बेल्जियम में श्रम कानूनों (Labor Law) को काफी जटिल माना जाता है. वहां, लंबे समय से श्रम कानूनों में सुधार की मांग उठ रही है. श्रम सुधारों को लेकर श्रमिक यूनियनों और बिजनेस ग्रुप्‍स के बीच हुई वार्ता के बाद सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी कि देश में अब कार्यालयों में सप्‍ताह में चार दिन काम होगा.

बेल्जियम के प्रधानमंत्री (Belgium Prime Minister) अलेक्जेंडर डी क्रू (Alexander De Croo) ने कहा कि कोविड-19 के कारण ‘काम करने के नए तरीके’ चलन में आ गए हैं और अब कर्मचारी और नियोक्‍ता को ज्‍यादा छूट दी जाएगी. इस नए बदलाव के साथ ही पूर्णकालिक कर्मचारी सप्‍ताह में चार दिन काम करने के हकदार होंगे. इसके लिए उन्‍हें अपने नियोक्‍ता से अनुमति लेनी होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि नियोक्‍ता कर्मचारी की चार दिन काम करने की मांग को ठुकरा सकता है, परंतु उसे ऐसा करने का कोई ठोस कारण लिखित में बताना होगा.

9 घंटे 30 मिनट करना होगा काम

इस नए समझौते के अनुसार, कर्मचारी को 9 घंटे और 30 मिनट ड्यूटी करनी होगी. इसे 10 घंटे भी किया जा सकता है. प्रधानमंत्री डी क्रू ने कहा कि देश ने दो बहुत बुरे साल देखे हैं. अब इस नए समझौते से देश की अर्थव्‍यवस्‍था के ज्‍यादा इनोवेटिव, स्थिर और डिजिटल होने की आशा बंधी है. इस समझौते का मकसद लोगों और व्‍यापार को मजबूत बनाना है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस का कर्मचारियों पर नकारात्‍मक प्रभाव हुआ है. इसने कार्यों में लचीलापन लाने और वर्किंग लाइफ और निजी जीवन का मिश्रण करने को मजबूर कर दिया है. इसी कारण काम करने के नए तरीकों की ओर हमें अग्रसर किया है.

अभियान चलाने वाले इससे भी संतुष्ट नहीं

वहीं, 4 डे वीक कैंपेन (4 Day Week Campaign) के डायरेक्‍टर जो राइल का कहना है कि –“हम कर्मचारियों को काम का समय चुनने की आजादी देने का समर्थन करते हैं, लेकिन एक पांच दिनों के सप्‍ताह को सिकोड़कर चार दिन करने से कर्मचारियों को तनाव और काम के दबाव से मुक्ति नहीं मिलेगी. अगर प्रतिदिन काम करने के घंटों में इजाफा हो गया तो फिर समस्‍या का समाधान कहां हुआ.”

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