Budget 2022: ऑटो इंडस्ट्री की ये मांग रह गईं अधूरी, जानें क्या होगा ग्राहकों पर असर
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Budget 2022: ऑटो इंडस्ट्री की ये मांग रह गईं अधूरी, जानें क्या होगा ग्राहकों पर असर
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया. इसके कई सेक्टर्स के लिए घोषणाएं की गईं. माना जा रहा था कि इस पर कोरोना महामारी, मंदी और सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही ऑटो इंडस्ट्री के लिए भी कोई बड़ी घोषणा नहीं.
इस बजट में इंडट्री की कई मांग अधूरी रह गईं. हालांकि, बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लाने की बात कही, बैटरी बनाने के लिए प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर चिफ इंडस्ट्री के विकास की बातें जरूर कहीं.
ऑटो पार्ट पर टैक्स कम चाहती थी इंडस्ट्री
भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की बड़ी एसोसिएशन में से एक ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन यानी एसीएमए (ACMA) केंद्रीय बजट के लिए सरकार को अपनी सिफारिशों में सभी ऑटो पार्ट्स पर एक समान 18 फीसदी की एक समान जीएसटी दर लगाए जाने की डिमांड की थी. इसने सरकार से रिसर्च और विकास में निवेश बढ़ाने के लिए एक्सपोर्ट प्रोडक्ट पर शुल्क और टैक्स की छूट यानी आरओडटीईपी (RoDTEP) दरों को बढ़ाने को भी कहा था. हालांकि सरकार ने ईवी सेक्टर रिसर्च और विकास की बात कही है, लेकिन टैक्स कटौती को लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ.
लोन की ब्याज दरों में छूट
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक मजबूत महौल बनाने और ईवी बाजार को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री ने ईवी की खरीद पर लोन के ब्याज पर लगने वाले टैक्स पर छूट की मांग की थी. अगर ऐसा होता तो नागरिकों को कम ब्याज दरों पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में मदद मिलती.
GST दरों कोई छूट नहीं
ऑटो डीलर्स संगठन FADA ने Two Wheeler पर GST की दरों को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की थी, ताकि डिमांड में बढ़ोतरी हो सके. FADA ने कहा था कि दोपहिया वाहन लक्जरी उत्पाद (Luxury Product) नहीं है. इसलिए GST दरों में कमी की जरूरत है. फाडा का दावा है कि वह देश के 15,000 से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों (Automobiles Dealer) का प्रतिनिधित्व करता है, जिनके पास फिलहाल 26,500 डीलरशिप हैं.
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