Petrol-Diesel महंगे होने से Ghaziabad-Noida में इलेक्ट्रिक और CNG गाड़ियों की बंपर सेल, जानें दिल्ली सरकार क्यों हो रही मालामाल?
पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) की बढ़ती कीमतों ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में बढ़ा दी है इलेक्ट्रिक और CNG कारों (Electric and CNG Cars) की बंपर सेल. खासकर Ghaziabad, Ghaziabad और ग्रेटर नोएडा के लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां खूब खरीद रहे हैं. लेकिन, दिल्ली में रोड टैक्स पर छूट की वजह से ये लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन दिल्ली में कराना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. बता दें कि दिल्ली में रजिस्ट्रेशन कराने से कार मालिकों को डेढ़ लाख रुपये का बचत हो रहा है. पिछले साल गाजियाबाद में जहां 20 इलेक्ट्रिक कारों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, वहीं इस साल अब तक मात्र एक कार का ही रजिस्ट्रेशन गाजियाबाद में हुआ है.
देश में महंगे होते diesel और डीजल से लोग उबने लगे हैं. इसके बदले लोग अब सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीददारी में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं. खासकर नौकरी-पेशा वाले लोगों की इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब पहली पसंद बनती जा रही है. पेट्रोल से इलेक्ट्रिक गाड़ियों में कन्वर्जन भी पहले की तुलना में बढ़ गया है.
इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन गाजियाबाद में महंगा पड़ता है.
इलेक्ट्रिक कारों की क्यों हो रही बंपर बिक्री?
गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 12 में रहने वाले प्रमोद कौशिक कहते हैं कि कुछ दिन पहले ही मैंने एक इलेक्ट्रिक गाड़ी लेने का प्लान बनाया था. एक दोस्त ने कहा कि अगर गाड़ी लेना है तो गाजियाबाद में न लेकर दिल्ली से लो, क्योंकि दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर रोड टैक्स पर डेढ़ लाख रुपये की छूट है. अब हमने दो दिन पहले ही टाटा की एक इलेक्ट्रिक गाड़ी दिल्ली से बुक कराई है.’
पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में इलेक्ट्रिक कार क्यों सस्ता है?
गाजियाबाद के रहने वाले प्रमोद कौशिक अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं, जो दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ी बुक कराई है. दिल्ली सरकार के ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए जो छूट दे रही है उससे प्रभावित हो कर दिल्ली-एनसीआर के कई लोगों ने दिल्ली में ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कराया है.
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोग सीएनजी गाड़ियों को भी प्राथमिकता दे रहे हैं. (सांकेतिक फोटो)
सीएनजी गाड़ियों की लंबी वेटिंग क्यों
इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोग सीएनजी गाड़ियों को भी प्राथमिकता दे रहे हैं. इसलिए सीएनजी गाड़ियों की लंबी वेटिंग चल रही है. अगर बात पिछले साल की करें तो साल 2020 में इस समय तक तकरीबन 4 हजार गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जो इस साल बढ़ कर अब तक पांच हजार तक पहुंच चुका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
गाजियाबाद के एआरटीओ विश्वजीत प्रताप सिंह कहते हैं, ‘इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन गाजियाबाद में महंगा पड़ता है. दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर रोड टैक्स पर डेढ़ लाख की छूट है. इसलिए इलेक्ट्रिक कार खरीदनेवाले की पहली पसंद दिल्ली बनती जा रही है. लोग दिल्ली के पते पर गाड़ियां खरीद रहे हैं और रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. इसलिए गाजियाबाद में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कम हो रहा है.’
ये भी पढ़ें: Food For Kids: कंप्यूटर से भी तेज चलेगा आपके बच्चे का दिमाग, डाइट में शामिल करें ये सुपरफूड
इलेक्ट्रिक और सीएनजी कारों के ज्यादा सेल होने पर मोटर उद्योग से जुड़े लोग मानते हैं कि ऊंची लागत, कम उपलब्धता और एकल परिवार की वजह से उपभोक्ता अब ज्यादा साफ ईंधन के विकल्पों की ओर जा रहे हैं. हालांकि अभी भी बड़ी-बड़ी एसयूवी गाड़ियां या अन्य कारों में पेट्रोल की तुलना में डीजल को लोग पसंद कर रहे हैं लेकिन छोटी गाड़ियों के मामले में उपभोक्ताओं का रुझान अब तेजी से बदलने लगा है.
Child Growth: जानिए कैसी होनी चाहिए बढ़ती उम्र में बच्चों की डाइट, कौन से पोषक तत्व हैं जरूरी?
इस रिकॉर्ड के लिए पिछले 11 साल से तरस रहे हैं Virat Kohli, क्या इस बार पूरा होगा सपना?