देश में दो शहरों से होगी Electric Vehicle Special Mobility Zone बनाने की शुरुआत, जानें कौन से होंगे शहर?
देश में दो शहरों से होगी Electric Vehicle Special Mobility Zone बनाने की शुरुआत, जानें कौन से होंगे शहर?
देश में दो शहरों में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) स्पेशल मोबिलिटी जोन (Special Mobility Zone) बनाने की तैयारी है. मोबिलिटी जोन बनने के बाद इन शहरों में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हो सकेगा. सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए मोबिलिटी जोन की योजना बना रही है.
जिन दो शहरों को ईवी जोन (EV zones) बनाने की तैयारी है, उसमें राजधानी दिल्ली के अलावा पुणे शामिल है. ईवी जोन बनने के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा.
बजट में ईवी मोबिलिटी जोन बनाने की बात भी कही गई है, यानी ईवी मोबिलिटी जोन वाले शहरों में इलेक्ट्रिक वाहन ही रजिस्टर्ड हो सकेंगे. दिल्ली और पुणे दोनों शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों की अधिक संभावनाएं हैं.
इसलिए इन शहरों को ईवी मोबिलिटी जोन बनाने की तैयारी है. हालांकि इन शहरों के अलावा देश के करीब नौ और भी शहरों को भविष्य में ईवी जोन में तब्दील करने की योजना है. केन्द्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हैं. कई राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी पर सब्सिडी दी जा रही है. सरकार के ईवी मोबिलिटी जोन बनाने के प्रयास से इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री भी बढ़ेगी.
देश के दो शहरों को ईवी मोबिलिटी जोन में तब्दील करने पर इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड में कई गुना तक बढ़ोत्तरी होगी. दिल्ली और पुणे दोनों शहरों में मौजूदा समय प्रति वर्ष करीब छह-छह लाख वाहन रजिस्टर्ड होते हैं.
सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल के आलोक राय बताते हैं कि मौजूदा समय इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड प्रति वर्ष करीब दो लाख होती है. इन दोनों शहरों को ईवी जोन में बदलने के बाद मांग में छह गुना बढ़ोत्तरी हो जाएगी.
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