Mutual Funds में निवेश पिछले 10 साल में 5 गुना बढ़ा, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 38.45 लाख करोड़ रुपए के पार
Mutual Funds Investment: देश में निवेश का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है. बैंक की कम ब्याज दर की वजह से लोग दूसरे निवेश विकल्पों की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं. इनमें Mutual Funds और शेयर बाजार सबसे पसंदीदा क्षेत्र बन कर उभरा है. खास तौर से म्यूचुल फंड में इंवेस्टमेंट तेजी से बढ़ा है और बढ़ रहा है. पिछले 10 साल में Mutual Funds में Investment पांच गुना बढ़ गया है. हर साल तेजी से नए एसपीआई (SIP) खुल रहे हैं.
30 नवंबर 2011 में Mutual Funds इंडस्ट्री का औसत असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM केवल 6.82 लाख करोड़ रुपए था. अब यह बढ़कर कुल 37.34 लाख करोड़ रुपए हो गया. 10 सालों में इसमें पांच गुना से ज्यादा की बढ़त हुई है. पिछले साल नवंबर तक इसका AUM 30 लाख करोड़ रुपए था. यानी एक साल में 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ा है. Mutual Funds में अभी तक कुल 11.70 करोड़ फोलियो नंबर है. फोलियो नंबर मतलब निवेशकों के खाते से है.
SIP में निवेश लगातार बढ़ रहा
अक्टूबर की तुलना में नवंबर में SIP में 486 करोड़ रुपए ज्यादा आए. SIP महीने में निवेश की रकम को कहा जाता है. यह सेगमेंट इक्विटी में ही निवेश करता है. हाईब्रिड फंड में निवेशक लगातार निवेश कर रहे हैं. इसमें बैलेंस एडवांटेज फंड कैटिगरी सबसे पसंदीदा है. यह कैटिगरी कम भाव पर शेयर्स खरीदती है और ज्यादा भाव पर बेचती है. नवंबर महीने में इसने 6,094 करोड़ रुपए आए हैं.
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रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे बाजार में भारी उतार-चढ़ाव
इक्विटी फंड में निवेश उस माहौल के विपरीत है, जहां शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल है. कभी हजार पॉइंट बाजार टूटता है तो कभी हजार पॉइंट बढ़ता है. लेकिन Mutual Funds में लगातार निवेशक निवेश कर रहे हैं. अक्टूबर में इक्विटी स्कीम में 5,215 करोड़ रुपए का निवेश आया था. इसी तरह सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP में नवंबर में 11 हजार करोड़ रुपए आए हैं. यह अब तक का रिकॉर्ड है.
सभी कैटिगरी में करीबन पॉजिटिव निवेश
म्यूचुअल फंड की सभी 23 ओपन एंडेड इक्विटी ओरिएंटेड और हाइब्रिड स्कीम कैटेगरी में नवंबर में पॉजिटिव निवेश रहा. इसका मतलब शेयर बाजार में अभी भी निवेशकों का पॉजिटिव रुझान है. जानकारों का कहना है कि नवंबर में जब बाजार में गिरावट दिखी तो निवेशकों ने इसका फायदा उठाकर म्यूचुअल फंड में निवेश किया. अक्टूबर में निवेशकों ने बाजार की तेजी में 23,456 करोड़ रुपए निकाले थे जबकि नवंबर में 17,476 करोड़ रुपए ही निकाले गए.