Jammu Kashmir News: आतंकवादियों की अब खैर नहीं, अमेरिकी असॉल्ट राइफलों और पिस्टल से लैस होगी जम्मू-कश्मीर पुलिस
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Jammu Kashmir News: आतंकवादियों की अब खैर नहीं, अमेरिकी असॉल्ट राइफलों और पिस्टल से लैस होगी जम्मू-कश्मीर पुलिस
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर पुलिस जल्दी ही आधुनिक हथियारों से लैस होगी. जम्मू कश्मीर की आतंकवाद रोधी यूनिट स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (Special Operation Group) को जल्द ही आतंकवाद विरोधी अभियान (Anti Terror Operations) चलाने के लिए अमेरिकी सिग सॉयर असॉल्ट राइफलें (Sig Sauer-716 Rifles) और पिस्तौल मिलेंगे. भारतीय सेना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने वाला देश का पहला पुलिस बल होगा.
आधुनिक हथियारों से लैस होगी जम्मू-कश्मीर पुलिस
जम्मू और कश्मीर पुलिस विशेष अभियान समूह (SoG) और प्रोटेक्टेड लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात कर्मियों के लिए 500 अमेरिकी निर्मित सिग सॉयर -716 राइफल (Sig Sauer-716 Rifles) और 100 सिग सॉयर एमपीएक्स 9 मिमी पिस्तौल खरीदेगी. अधिकारियों के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में सरकारी खरीद पोर्टल GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पर हथियारों की खरीद के लिए वैश्विक बोलियां मंगाई थीं.
अमेरिकी हथियारों से एंटी टेरर अभियान
सिग सॉयर-716 असॉल्ट राइफल में पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इंसास राइफल्स के 5.56×45 मिमी इंटरमीडिएट कार्ट्रिज की तुलना में 7.62×51 मिमी अधिक शक्तिशाली कारतूस है. बिना मैग्जीन के राइफल का वजन 3.82 किलोग्राम है. यह 650-850 राउंड प्रति मिनट की चक्रीय दर (Cyclic Rate) से फायर करती है और 500 मीटर रेंज की वजह से आतंकवाद विरोधी अभियानों में एक प्रभावी हथियार है. राइफल कॉम्पैक्ट, मजबूत, आधुनिक और क्षेत्र की परिस्थितियों में भी सही तरीके से काम करने में सक्षम हैं.
आतंकवादियों से निपटने में मिलेगी मदद
इसी तरह बिना मैगजीन के 2.94 किलोग्राम वजनी एसआईजी एमपीएक्स 9 एमएम पिस्टल 850 राउंड प्रति मिनट की गति से फायर करती है. 2019 में, भारत ने लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से 72,400 असॉल्ट राइफलों के लिए सिग सॉयर के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रक्षा करने वाले अपने जवानों को आधुनिक हथियारों से पहले लैस कर चुका है. बहरहाल असॉल्ट राइफलों को आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल करने से पुलिस को आतंकवादियों से निपटने में अधिक प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलेगी.
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