Lucknow: UPNEDA में करोड़ों का घोटाला: सरकार ने कहा बिजली बचाओ तो दस करोड़ से ज्यादा की LED डकार गए अफसर

Lucknow: UPNEDA में करोड़ों का घोटाला: सरकार ने कहा बिजली बचाओ तो दस करोड़ से ज्यादा की LED डकार गए अफसर

 

सरकार की बिजली बचत योजना का फायदा उठाकर उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा विकास अभिकरण (UPNEDA) के अधिकारी और ठेकेदार ने मिलकर करीब 10 करोड़ रुपए का घोटाला कर डाला। मामला KGMU से पकड़ा गया तो विभाग ने शासन को दिखाने के लिए FIR करवाई लेकिन विभागीय करवाई नही की गई। KGMU प्रशासन इसे लेकर फिर से सवाल खड़े कर रहा है। NEDA ने भी गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट तो दर्ज करवाई लेकिन कोई विभागीय कार्रवाई नही की गई।

सरकार ने 2020 में सभी सरकारी विभागों में कम बिजली खपत वाली LED लगाने का निर्देश दिया था। यह काम NEDA को करवाना था। विभाग ने इसका टेंडर निकाला और धनश्री इलेक्ट्रॉनिक को करीब 10 करोड़ की LED सप्लाइ का काम मिल गया। इसमे सबसे ज्यादा करीब दो करोड़ की LED किंग्जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में लगाई जानी थी। ठेकेदार ने कुछ लाइट्स मेडिकल कॉलेज में रखवाई लेकिन इन्हें इंस्टाल नही किया गया। बावजूद इसके मेडिकल कॉलेज और NEDA की तरफ से फर्म को इंस्टालेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। इसके आधार पर फर्म को भुगतान मिल गया।

चीफ प्रॉक्टर ने पकड़ी चोरी से निकली जा रही लाईट

भुगतान होने के बाद ठेकेदार ने KGMU ने रखी हुई लाइट चोरी से ट्रक ने लादकर ले जा रहा था। लेकिन एक चीफ प्रॉक्टर ने पकड़ लिया। इसपर जांच शुरू हुई तो पता चला कि KGMU के इंजीनियर एसपी सिंह की मिली भगत से खेल हो रहा था। प्रॉक्टर की रिपोर्ट पर एसपी सिंह को निलंबित किया गया और चौक कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। उन्हीं की रिपोर्ट पर NEDA ने भी गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट तो दर्ज करवाई लेकिन कोई विभागीय कार्रवाई नही की गई।

11 बिल्डिंग्स में लगनी थी 10 करोड़ से ज्यादा की लाइट

KGMU के अलावा 11 विभागों की बिल्डिंग में LED लगाने का ठेका धनश्री इलेक्ट्रॉनिक को दिया गया था। इसमे राममनोहर लोहिया अस्पताल, पर्यटन भवन, VVIP गेस्ट हाउस, VIP गेस्ट हाउस, UPSRTC, जल निगम, ITI भवन, निर्माण निगम की बिल्डिंग शामिल थी। किसी भी बिल्डिंग में लाइट नही लगाई गई और अफसरों की मिली भगत से फर्म को इंस्टालेशन सर्टिफिकेट जारी करके फर्म को भुगतान करवा दिया गया। खास बात तो यह है कि इतने बड़े घोटाले में NEDA के किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई नही हुई।

इंजीनियर के निलंबन पर अब खड़े होने लगे सवाल

मामले में अब KGMU के इंजीनियर एसपी सिंह के निलंबन को लेकर सवाल उठने लगे। नियम के मुताबिक करीब दो साल तक किसी को भी निलंबित नही रखा जा सकता है। लेकिन KGMU के अधिकारी उसके बर्खास्तगी की फाइल यह कहकर आगे नही बढ़ा रहे कि NEDA की कोई जांच रिपोर्ट अभी तक नही मिली है। उधर अपने स्टाफ को बचाने ने जुटे नेडा के अधिकारी पत्रावली दबाए बैठे हैं। NEDA के सचिव अनिल कुमार का कहना है कि जिन भवनों में लाइट लगनी थी वहां ऑडिट नही हो पाई है। इसलिए अभी तय नही हो पाया कि कितने का घोटाला हुआ है।

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