Maruti Suzuki फिर बढ़ाएगी अपनी कारों की कीमतें! देखें ऑटो मैन्युफैक्चरर ने क्या दिया जवाब?
Maruti Suzuki: देश की प्रमुख कार मैन्युफैक्चरर मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) फिर दाम बढ़ा सकती है. दरअसल, कंपनी की नजर कमोडिटी प्राइसेस पर (Commodity Prices) है. कंपनी आने वाले समय में इन्हीं के आधार पर अपनी कारों के दाम (Cars Prices) तय करेगी. वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में कमोडिटीज के दामों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है. फिर भी अभी कंपनी ने इस बढ़ोतरी का बोझ अपने ग्राहकों पर नहीं डाला है.
Maruti Suzuki इंडिया के सीनियर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरी तिमाही में शुद्ध बिक्री (Net Sales) अनुपात में लागत (Cost) 80.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. लागत के लिहाज से यह काफी ऊंचा स्तर है. कंपनी को उम्मीद है कि आगे कमोडिटी प्राइसेस में गिरावट आएगी. कई कमोडिटीज की कीमतें अपने सर्वोच्च स्तर (All-time High) पर पहुंच चुकी हैं. इसलिए उनके दाम नीचे आने की उम्मीद की जा रही है.
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कमोडिटीज के दाम पर तय होंगी कारों की कीमतें
शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि ओरिजनल इक्वीपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) के लिए सामग्री की लागत बहुत ज्यादा अहमियत रखती है. ओईएम की कुल लागत में सामान्य तौर पर सामग्री का हिस्सा 70 से 75 फीसदी तक रहता है. कंपनी के वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी पर श्रीवास्तव ने कहा कि इसको लेकर सावधानी से निगरानी की जा रही है. कंपनी ने अभी तक कमोडिटीज के दामों में हुई बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर नहीं डाला है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने सितंबर 2021 की शुरुआत में अपने वाहनों के दाम 1.9 फीसदी बढ़ाए थे. अब कीमतें तय करने के लिए कमोडिटीज की कीमतों पर नजर रखने की जरूरत होगी.
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‘ओईएम पर एक तिमाही के बाद दिखता है असर’
Maruti Suzuki इंडिया ने कहा कि कमोडिटीज के दाम पहली तिमाही में उच्चस्तर पर थे. Maruti Suzuki जैसी ओईएम पर इसका प्रभाव एक तिमाही बाद दिखता है. श्रीवास्तव ने कहा कि इसका असर Maruti Suzuki पर दूसरी तिमाही में ज्यादा पड़ा है. बीते एक साल के दौरान कमोडिटीज के दाम तेजी से बढ़े हैं. इस्पात के दाम 38 रुपये प्रति किलोग्राम से 72 रुपये पर पहुंच गए थे. हालांकि, इनमें अब थोड़ी गिरावट आई है. इसके अलावा तांबा 5,200 डॉलर प्रति टन से 10,400 डॉलर प्रति टन हो गया है. बाकी धातुओं के दाम भी पहले के मुकाबले दो से तीन गुना तक बढ़ चुके हैं.
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