President Ram Nath Kovind Speech: Republic Day की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद का देश के नाम संबोधन

President Ram Nath Kovind Speech: Republic Day की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद का देश के नाम संबोधन

President Ram Nath Kovind Speech: कल यानी बुधवार को देश 73वां गणतंत्र दिवस(Republic Day) मनाने जा रहा है. उससे पहले मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. राष्ट्रपति कोविंद ने अपने संबोधिन की शुरुआत देश और विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को बधाई देते हुए की. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस हम सबको एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का यह उत्सव है.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “गणतन्त्र दिवस का ये दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है, जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया और उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया.” इस मौके पर राष्ट्रपति ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी याद किया. उन्होंने कहा, “दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने ‘जय-हिन्द’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है. स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है.”

राष्ट्रपति ने कहा, “हम अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमारे संविधान का निर्माण करने वाली सभा में उस दौर की सर्वश्रेष्ठ विभूतियों का प्रतिनिधित्व था. वे लोग हमारे महान स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख ध्वज-वाहक थे.” उन्होंने कहा, “आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करने के मूल कर्तव्य को निभाते हुए हमारे करोड़ों देशवासियों ने स्वच्छता अभियान से लेकर कोविड टीकाकरण अभियान को जन-आंदोलन का रूप दिया है. ऐसे अभियानों की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय हमारे कर्तव्य-परायण नागरिकों को जाता है.

महात्मा गांधी को किया याद

भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वाका अंगिकृत, अधिनयमित और आत्मार्पित किया गया. उस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं. उसके दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 से हमारा संविधान पूर्णत प्रभावी हुआ. ऐसा सन् 19030 के उस दिन को यादगार बनाने के लिए किया गया था, जिस दिन भारतवासियों ने पूरी आज़ादी हासिल करने का संकल्प हासिल लिया था. सन् 19030 से 1947 तक हर साल 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनाया जाता था. इसलिए ये तय किया गया कि उसी दिन से संविधान पूर्णत प्रभावी बनाया जाए.”

राष्ट्रपति कोविंद ने इस खास मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी याद किया. उन्होंने कहा, “सन् 1930 में महात्मा गांधी ने देशवासियों को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का तरीका समझाया था. यथाशक्ति रचनात्मक कार्य करने का गांधीजी का यह उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेगा.” उन्होंने कहा कि गांधीजी चाहते थे कि हम अपने भीतर झांक कर देखें, आत्म-निरीक्षण करें और बेहतर इंसान बनने का प्रयास करें, और उसके बाद बाहर भी देखें, लोगों के साथ सहयोग करें और एक बेहतर भारत तथा बेहतर विश्व के निर्माण में अपना योगदान करें.

कोरोना को लेकर क्या बोले राष्ट्रपति

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना-वायरस के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य-क्षमता का प्रदर्शन किया है.” उन्होंने साथ ही कहा, “अनगिनत परिवार, भयानक विपदा के दौर से गुजरे हैं. हमारी सामूहिक पीड़ा को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. लेकिन एकमात्र सांत्वना इस बात की है कि बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है.”

राष्ट्रपति ने कहा, “कोविड महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, अतः हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में तनिक भी ढील नहीं देनी चाहिए. हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है.” उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करना आज हर देशवासी का राष्ट्र-धर्म बन गया है. यह राष्ट्र-धर्म हमें तब तक निभाना ही है, जब तक यह संकट दूर नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करके, यहां तक कि मरीजों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर भी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने मानवता की सेवा की है.

 

IPL 2022: Rajasthan Royals ने किया ट्रोल तो Lucknow Super Giants ने दिया मजेदार जवाब

​​MP Apex Bank Recruitment 2022: ​बैंक में अधिकारी बनने के लिए इस साइट पर जाकर करें आवेदन

Source link

Source link

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker