National Women’s Day.. इन्होंने कोरोना महामारी में नहीं की खुद की परवाह: राष्ट्रीय महिला दिवस आज : प्रयागराज की तीन महिला डॉक्टरों से मिलिए जिन्होंने संकट में निभाया अपना फर्ज

National Women’s Day.. इन्होंने कोरोना महामारी में नहीं की खुद की परवाह: राष्ट्रीय महिला दिवस आज : प्रयागराज की तीन महिला डॉक्टरों से मिलिए जिन्होंने संकट में निभाया अपना फर्ज

National Women’s Day: देश की पहली महिला राज्यपाल व ‘नाइटेंगल ऑफ इंडिया’ और ‘भारत कोकिला’ कही जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री सरोजिनी नायडू की जयंती 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस पर जनपद की तीन ऐसी कोरोना योद्धाओं के जज्बे को सालाम जिन्होंने फ्रंट लाइन पर रहकर कोरोना संक्रमितों की सेवा में तत्पर रहीं।

बेली यानी तेज बहादुर सप्रू अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. किरन मलिक, एसआरएन कोविड अस्पताल में कोरोना वार्डों में जाकर मरीजों की देखरेख करने वालीं डॉ. नीलम सिंह व काल्विन अस्पताल की सेवानिवृत्त सीएमएस डॉ. सुषमा श्रीवास्तव की जिनके अनुभव व हौसले से जनपद की हर महिला को प्रेरणा मिलेगी।

खुद का स्वास्थ्य ठीक नहीं फिर भी मरीजों पर फोकस

dr kiranडॉ. किरन मलिक

बेली अस्पताल पहली, दूसरी और तीसरी लहर में कोविड लेवल टू का अस्पताल बनाया गया । हजारों की संख्या में भर्ती कोरोना मरीजों को ठीक कर यहां से डिस्चार्ज कर दिया गया। यहां की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. किरन मलिक एक तरफ जहां खुद अस्वस्थ रहते हुए पूरे अस्पताल का जिम्मा उठाया। इसमें टीम ने सहयोग किया। कहती हैं कि वह कोरोना काल की भयावह स्थिति कभी नहीं भूल सकती हैं। पूरे अस्पताल में कोरोना मरीजों की भरमार रही इसके बावजूद हम खुद और हमारी टीम ने बेहतर कार्य किया और यहां स्थिति सामान्य हो गई।

एक तरफ परिवार, दूसरी तरफ अस्पताल की जिम्मेदारी

जनपद के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कार्यरत डॉ. नीलम सिंह कोविड आईसीयू इंचार्ज की इंचार्ज भी रहीं। कोरोनाकाल में 4 हज़ार से ऊपर कोरोना पॉज़िटिव मरीजों का इलाज किया। करीब 160 कोरोना पॉज़िटिव गर्भवती को एनेस्थेसिया देकर सुरक्षित एवं सफल प्रसव कराया है। इसके साथ ही पेट, पैर, आदि बहुत से सैकड़ों आपरेशन में मरीजों को एनेस्थेसिया देकर सर्जन के माध्यम से ऑपरेशन को संभव बनाया।

डॉ. नीलम की कर्तव्य निष्ठा को देखते हुए बीते दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें मिशन शक्ति के तहत प्रशस्तिपत्र देकर प्रशासन ने सम्मानित किया है। डॉ॰ नीलम ने बताया कि हर महिला कि सफलता के पीछे एक पुरुष का साथ होता है। ऐसे ही मेरी सफलता के पीछे मेरे पति प्रोफेसर डॉ. डीसी लाल का साथ है।

काल्विन रहा एकमात्र विकल्प, विषम परिस्थितियों में काम

प्रदेश व जनपद के कई अस्पतालों में सीएमएस से लेकर अन्य कई प्रमुख पदों पर सेवा का निर्वहन करने के बाद सेवानिवृत्त हो चुकी डॉ. सुषमा श्रीवास्तव के योगदान को कभी भुलाया नहीं सकता। जनपद में कोरोना जब अपने चरम पर था तब इन्होने बतौर काल्विन अस्पताल की सीएमएस रहते हुए कोरोना मरीजों के इलाज के साथ-साथ अन्य मरीजों के लिए ओपीडी व टेलीमेडिसिन व अस्पताल की अन्य सेवाओं को मरीजों तक सुलभ माध्यम से पहुंचाना हो इन्होने पूरे जज्बे के साथ अपने कर्तव्य को निभाया है।

इसके साथ ही कोरोना वैक्सीनेशन के शुरुआती दौर में जनपद में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ इन्होने खुद लगवाई। आज राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डॉ। सुषमा श्रीवास्तव ने कहा कि पुरूष व महिला एक-दूसरे के पूरक होते हैं। अगर दोनों एक साथ समाज कल्याण का कार्य करेंगे तो उनका सम्मान हमेशा बना रहेगा।

 

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