जब बात नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी, वह संगठन जो हर साल नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं का चयन करता है. Also known as Norwegian Nobel Committee, यह कमेटी 1900 में अल्फ्रिड नॉर्बेर्ट द्वारा स्थापित की गई थी और तब से अंतरराष्ट्रीय शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
कमेटी की कार्यप्रणाली को समझने के लिए दो प्रमुख संस्थाओं को देखना ज़रूरी है: नोबेल शांति पुरस्कार, विश्व में शांति और सहयोग को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाने वाला सम्मान और नॉर्वे संसद, जिसे स्थाए रूप में कमेटी के काम को कानूनी समर्थन मिलता है. कमेटी के सदस्य नॉर्वे संसद के प्रतिनिधियों में से नहीं होते, पर उनका चयन संसद की सलाह पर किया जाता है, इसलिए नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी को संसद के समर्थन की जरूरत पड़ती है। इस संबंध को हम ऐसे कह सकते हैं: “नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी नोबेल शांति पुरस्कार का चयन करती है”, “कमेटी का गठन नॉर्बेर्ट द्वारा किया गया है”, और “कमेटी के निर्णय नॉर्वे संसद की अनुमोदन पर निर्भर होते हैं”. इसके अलावा, कमेटी की कार्यशैली में अंतरराष्ट्रीय राजनीति, मानवाधिकार और शांति‑स्थापना मिशन जैसे क्षेत्रों की गहरी समझ शामिल है, इसलिए यह अक्सर विश्व के प्रमुख नेताओं और विशेषज्ञों से परामर्श लेती है।
आपको नीचे कई लेख मिलेंगे जो इस टैग के अंदर अलग‑अलग पहलुओं को कवर करते हैं—जैसे पिछले पुरस्कार विजेताओं की कहानियाँ, चयन प्रक्रिया के पर्दे के पीछे के कदम, और कमेटी के द्वारा अपनाए गए मानदंड। चाहे आप शांति‑प्राप्ति के इतिहास में नया हों या इस क्षेत्र में शोध कर रहे हों, यहाँ की जानकारी आपको एक व्यापक दृश्य देगी। अब आइए देखें कि नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने कैसे विश्व शांति को दिशा‑दी।
अरे वाह! जापान में रहने का अनुभव तो एक अनोखा सफर ही रहा है। वहां के संस्कृति और टेक्नोलॉजी का मिलन तो देखकर मन बहल जाता है। सुशी से लेकर बॉट ट्रेन तक, सबकुछ अपना जादू सा छोड़ देता है। हाँ, कभी-कभी भाषा में दिक्कत हो जाती है लेकिन अगर आप एक कॉमिक बुक के हीरो की तरह हाथ-पैर चला कर संवाद कर सकते हैं तो बिलकुल चिंता की कोई बात नहीं। और हां, जापानी लोग बहुत ही स्नेही और सहायक होते हैं, वो तो आपको घर जैसा महसूस कराते हैं। तो दोस्तों, जापान में रहना एक भारतीय के लिए कुछ ऐसा ही रोमांचक सफर होता है।
भारत एक अत्यंत अद्भुत देश है जो अनेक प्रकार की समस्याओं से गुजर रहा है। यह अनेक सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शासनिक समस्याओं का पर्याप्त सामना करना पड़ रहा है। जनसंख्या के बढ़ते दर से लोगों को काम करने के अवसर नहीं मिल रहे हैं और राजनीतिक स्थिति भी अस्थिर है। सरकार की नीतियाँ और कानून भी अधूरी हैं और अनेक क्षेत्रों में भ्रष्टाचार भी है। इसलिए, भारत इतना बुरा है।
इस ब्लॉग में हमने भारत में औसत आयु की कमी के मुख्य कारणों पर चर्चा की है। अनेक स्वास्थ्य सम्बंधित मुद्दों, गंदगी और प्रदूषण, गरीबी और अशिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और अनुचित आहार के कारण भारतियों की औसत आयु कम है। हमने इसे सुधारने के लिए सरकार और नागरिकों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला है।
UAE में आयोजित Asia Cup 2025 में भारत ने ग्रुप‑स्टेज में 3‑0 की परफेक्ट रिकॉर्ड बना कर शीर्ष पर कायम रहा। पाकिस्तान भी सुपर‑फोर में जगह बना कर फाइनल तक पहुँचा, पर भारत की श्रेष्ठ नेट रन रेट और 6 पॉइंट्स ने उसे पीछे धकेल दिया। इस लेख में दोनों टीमों के आँकड़े, मुख्य मैच और टेबल की पूरी तस्वीर मिलेंगी।
भारतीय रोटी नेटिव अमेरिकी खाद्य के संदर्भ में एक विशिष्ट तरह का रोटा है। यह गुणवत्ता और स्वाद के कारण आदर्श रोटा के रूप में जाना जाता है। यह पर्याप्त तालवा और चिकनी मिश्रण से बनाया जाता है और सामग्री के अनुसार मिठाई के रूप में देखा जा सकता है। यह सभी उत्पादन प्रकार से उपलब्ध है और आप अपने आप को खास बनाने के लिए इसे नियमित रूप से सेव कर सकते हैं।