Stock Market: निखिल कामत की नजर में ये हैं स्टॉक मार्केट के तीन सबसे बड़े दुश्मन, 2022 में गिरा सकते हैं बाजार
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Stock Market: निखिल कामत की नजर में ये हैं स्टॉक मार्केट के तीन सबसे बड़े दुश्मन, 2022 में गिरा सकते हैं बाजार
Stock Market: शेयर बाजार ने साल 2021 में खूब कुलांचे भरी. नये साल 2022 की शुरुआत भी तेजी के साथ हुई है. बाजार की चाल आगे कैसी रहेगी, इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है. जीरोधा (Zerodha) और ट्रू बीकन (True Beacon) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) का मानना है कि कुछ ऐसे खतरे बढ़ रहे हैं, जो 2022 में कभी भी गिरावट ला सकते हैं.
निखिल कामत का कहना है कि इस समय जबरदस्त मूमेंटम बना हुआ है और निवेशक शेयर बाजार में पूंजी लगाने को लेकर काफी उत्साहित हैं. फिर भी निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए. साल 2022 के दिलचस्प होने की संभावना है. ऐसा नहीं लगता कि जो बेतहाशा बुल रन पिछले साल देखने को मिली, वो इस साल भी जारी रहेगी. मौजूदा वैल्यूएशन तो सही है, लेकिन बाजार अभी थोड़ा महंगा है. निखिल कामत ने बाजार के लिए तीन बड़े खतरे बताए हैं. आइये जानते हैं इनके बारे में सबकुुुछछ.
महंगाई बड़ा जोखिम
निखिल कामत की नजर में महंगाई (inflation) 2022 में बाजार के लिए पहला बड़ा जोखिम है. लाइव मिंट को दिये एक इंटरव्यू में निखिल कामत ने कहा कि महंगाई न सिर्फ भारत बल्कि सारे विश्व के लिए बड़ा खतरा है. अगर आप आज की तारीख में रिस्क-फ्री-बॉन्ड खरीदते हैं या सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करते हैं या फिक्सड डिपॉजिट लेते हैं, तो महंगाई को एडजस्ट करने पर वास्तविक रिटर्न नकारात्मक में है.
इसकी वजह से पिछले एक या दो वर्षों में बहुत सारा पैसा शेयर मार्केट में लगा है. निखिल कामत को कहना है कि महंगाई को काबू करने के लिए RBI को कभी न कभी ब्याज दरें बढ़ानी होगी. इससे ऐसा होते ही, पहले से खराब दिख रही NPA की तस्वीर और ज्यादा बिगड़ने की पूरी आशंका है.
राजकोषीय घाटा
निखिल कामत का कहना है कि राजकोषीय घाटा (fiscal deficit) दूसरा बड़ा खतरा है. हैरानी की बात यह है कि इसे जिस तरीके से हमें देखना चाहिए, वैसे इसे कोई देख नहीं रहा है. पिछले महीने राजकोषीय घाटा 15 अरब डालर था. यह पिछले 14-15 महीनों में सबसे बड़ा आंकड़ा है. भारत का नेट नेट रिजर्व करीब 600 अरब डॉलर है. हालांकि यह अभी यह पर्याप्त नजर आ रहा है लेकिन अगर आप हर महीने इसी तरह 15 अरब डॉलर के घाटे में रहे, तो 600 अरब डॉलर का नेट रिजर्व समाप्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
कोविड-19
जीरोधा के को-फाउंडर का कहना है कि मुझे तीसरा खतरा कोविड-19 (covid-19) महामारी लगता है. एक बार फिर से कोविड-19 के केस बढ़ रहे हैं. अगली लहर आने में कितना समय है, यह तो पता नहीं। शायद जनवरी, फरवरी या मार्च जब भी यह आएगी तो हमारी अर्थव्यस्था की रफ्तार फिर से सुस्त हो जाएगी. इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ेगा.
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