UP Election 2022 से पहले तीसरी लहर: IIT कानपुर की स्टडी- फरवरी में डेढ़ लाख केस रोज आएंगे, ICMR के पांडा बोले- रैलियों से बचकर रहें
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले देश के टॉप एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर की चेतावनी जारी कर दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जनवरी में तीसरी लहर आ जाएगी। फरवरी में एक दिन में रोजाना डेढ़ लाख तक केस मिल सकते हैं। ICMR के महामारी विशेषज्ञ डॉ. समीरन पांडा का कहना है कि लोग चुनावी रैलियों से परहेज करें। IIT कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल की स्टडी कहती है कि ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैल रहा है। लोगों को संभलकर रहना होगा। ये डेल्टा वैरिएंट से भी तेज गति से फैलेगा।
ICMR के महामारी विज्ञान प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा कहते हैं कि हमें खुद सावधान रहना चाहिए। हर प्रकार की भीड़-भाड़ से बचना चाहिए। लापरवाही नहीं करनी चाहिए, जितना हम चुनावी रैलियों और भीड़ से दूर रहेंगे उतना ही बच पाएंगे। ओमिक्रॉन वैरिएंट के भारत में केस आने के बाद कोरोना वायरस की तीसरी लहर नए साल की शुरुआत यानी जनवरी 2022 में आ सकती है।
डॉक्टर पांडा कहते हैं कि अभी इस बारे में कुछ नहीं पता कि हमारी वैक्सीन नए वैरिएंट पर कितनी असरदार होगी। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन हमारी वैक्सीन से लोगों में इम्यूनिटी बढ़ी है और हमें इस बात में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए कि वैक्सीन से कितना फायदा होगा। हमें मास्क जरूर लगाना है।
प्रो. अग्रवाल बोले- नाइट कर्फ्यू और प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के अनुसार नाइट कर्फ्यू, भीड़ लगाने पर प्रतिबंधों से ही केस की संख्या में कमी आ जाएगी। दुनियाभर में फैल रहे खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट और तीसरी लहर की आशंका पर मणींद्र ने साउथ अफ्रीका से लेकर बाकी देशों के डेटा को स्टडी किया है और भारत को लेकर अहम विश्लेषण निकाले हैं।
उनका कहना है कि जनवरी से तीसरी लहर दस्तक दे सकती है और फरवरी तक इसका पीक बन सकता है। फरवरी में जब पीक बनेगा तो डेली कोविड केस डेढ़ लाख तक जा सकते हैं।
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल कहते हैं कि अभी काफी कुछ बातें सामने आना बाकी हैं, लेकिन सवाल है कि क्या पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं? सभी को लग रहा है कि ओमिक्रॉन की वजह से री-इन्फेक्शन बढ़ेगा। मतलब जो एक बार कोविड से संक्रमित हो चुका है उसे फिर से ओमिक्रॉन संक्रमित कर देगा। अभी तक इसको लेकर एक ही स्टडी आई है, जिसमें पता चला है कि पिछले 3 महीनों के दौरान री-इन्फेक्शन 3 गुना बढ़ गया है।
देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रोफ्रेसर अग्रवाल का कोरोना को लेकर किए गए डेटा एनालिसिस काफी सुर्खियों में रहा था।