Bhai Dooj 2021: आज है भाई दूज का पर्व, जानें यमुना ने क्यों किया था भाई यमराज का तिलक
Bhai Dooj 2021: आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है. हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन Bhai Dooj का पावन पर्व मनाया जाता है. ये पर्व भाई-बहनों को समर्पित है. इस दिन प्रातःकाल चंद्र-दर्शन की परंपरा है और जिसके लिए भी संभव होता है वो यमुना नदी के जल में स्नान करते हैं. अन्य जानकारी कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है और चित्रगुप्त जयंती मनाई जाती है.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं. भारतीय समाज में परिवार सबसे अहम पहलू है. भारतीय परिवारों के एकता यहां के नैतिक मूल्यों पर टिकी होती है. इन नैतिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए वैसे तो हमारे संस्कार ही काफी हैं लेकिन फिर भी इसे अतिरिक्त मजबूती देते हैं हमारे त्यौहार. इन्हीं त्यौहारों में भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता एक त्यौहार है.
Bhai Dooj की पौराणिक कथा (Bhai Dooj Katha 2021)
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सुर्य और उनकी पत्नी संध्या की संतान धर्मराज यम और यमुना थे. लेकिन भगवान सूर्य के तेज को संध्या देवी सहन न कर पाई और यमराज और यमुना को छोड़ कर मायके चली गईं. वे अपनी जगह प्रतिकृति छाया को भगवान सूर्य के पास छोड़ गईं. यमराज और यमुना छाया की संतान न होने के कारण मां के प्यार से वंचित रहे.
लेकिन दोनों भाई-बहन में आपस में खूब प्रेम था. युमना की शादी के बाद धर्मराज यम बहन के बुलाने पर यम द्वितीया के दिन उनके घर पहुंचे. भाई की आने की खुशी में यमुना जी ने भाई का खूब सत्कार किया. यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया. तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है.
इस साल द्वितिया तिथि 5 नवंबर रात्रि 11 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर, 6 नवंबर शाम 7 बजकर 44 मिनट तक है. इस आधार पर द्वितीया तिथि 6 नवंबर को मानी जाएगी और भाई दूज पर्व मनाया जाएगा. ज्योतिषि के अनुसार इस दिन भाईयों को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दिन में 01:10 से 03:21 बजे तक है.
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