ठाकुरवाद के आरोपों पर CM Yogi की खरी-खरी: केवल राजपूतों की राजनीति के आरोप लगने से मुझे कोई दुख नहीं, भगवान भी इसी जाति के थे
ठाकुरवाद के आरोपों पर CM Yogi की खरी-खरी: केवल राजपूतों की राजनीति के आरोप लगने से मुझे कोई दुख नहीं, भगवान भी इसी जाति के थे
CM Yogi ने एक इंटरव्यू में कहा है कि केवल राजपूतों की राजनीति के आरोप पर मुझे कोई दुख नहीं, भगवान भी इसी जाति के थे। उन्हें क्षत्रिय होने पर गर्व है। ‘क्षत्रिय जाति में पैदा होना कोई अपराध नहीं है। देश की इस जाति में भगवान ने बार-बार जन्म लिया है। अपनी जाति पर स्वाभिमान हर व्यक्ति को होना चाहिए।’
दरअसल, सीएम योगी से सवाल किया गया था, ‘जब आपसे ये कहा जाता है कि आप सिर्फ राजपूतों की राजनीति करते हैं, तो क्या आपको दुख होता है? सीएम योगी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि नहीं… उन्हें कोई दुख नहीं होता है। क्षत्रिय जाति में पैदा होना कोई अपराध नहीं है’।
हालांकि, इसके बाद सीएम योगी यह सफाई भी देते है कि उन्होंने जाति के आधार पर सरकार में कोई भेद-भाव नहीं किया। सरकार की योजनाओं का लाभ हर धर्म और जाति के लोगों को बराबर मिला है। सीएम आगे पूछते हैं कि विपक्ष ये बताए कि गरीबों के लिए बनाए गए 43 लाख घरों में से कितने राजपूतों को मिले हैं?
अधिकारियों की पोस्टिंग में लगा ठाकुरवाद का आरोप
यूपी के 75 जिलों में 40% यानी 30 में सामान्य वर्ग के जिलाधिकारी (DM) तैनात हैं। इनमें 26% (20) ठाकुर तो करीब 11% (8) ब्राह्मण जाति के हैं। अब प्रदेश के जिलों में SSP/SP की तैनाती पर नजर डालें तो 18 जिलों की कमान ठाकुर जाति से संबंध रखने वालों के हाथ में है, जबकि इतने ही जिलों की कुर्सी पर ब्राह्मण जाति के SSP तैनात हैं।
अनुसूचित जाति की बात करें तो सिर्फ 4 DM शेड्यूल्ड कास्ट से आते हैं। वहीं 5 जिलों के SSP/SP SC-ST हैं। OBC जाति के अधिकारियों की स्थिति थोड़ी अच्छी कही जा सकती है, क्योंकि सूबे के 14 DM OBC जाति के हैं। वहीं 12 SSP/SP भी OBC हैं। योगी सरकार ने यादव अधिकारियों पर भरोसा नहीं जताया है। सिर्फ 1-1 जिले में DM और SSP/SP यादव रखे गए हैं।
जाति के आधार पर अपराधियों पर कार्रवाई का आरोप
राज्य में अपराधियों पर सख्ती के लिए योगी सरकार ने तारीफ तो बटोरी है, मगर इन अपराधियों की लिस्ट में एक जाति के लगभग गायब होने की वजह से अब सरकार के जातिगत समीकरण को लेकर सवाल उठे। क्रिकेट खेलते धनंजय सिंह के वायरल वीडियो पर सवाल खड़े हुए। कहा गया कि धनंजय ब्राह्मण होते तो कार्रवाई हो जाती। पुलिसिया कार्रवाई का रुख अब माफिया की जाति देखकर तय किया जा रहा है। धनंजय सिंह के साथ ही बृजेश सिंह, अभय सिंह, पवन सिंह और रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
खबरें और भी हैं…
Corona Fund के तहत 5000 रुपये दे रही है Modi Government, क्या है दावे का सच