आज सुबह जब पुडुचेरी के कुछ इलाकों में बारिश की बूंदें फिर से गिरने लगीं, तो बच्चों के घरों से निकलने की जगह उनकी माँओं की चिंता बढ़ गई। शहर के लोअर एरिया में पानी घरों के दरवाजों तक आ चुका था, और रास्ते नदियों की तरह बह रहे थे। इसी बीच, शिक्षा विभाग का ऑफिशियल नोटिफिकेशन आया — पुडुचेरी और करैकल के सभी स्कूल और कॉलेज आज, 24 नवंबर 2025 को बंद रहेंगे। ये फैसला शिक्षा मंत्री A. Namasivayam ने लिया, जिन्होंने बारिश के कारण जीवन की सामान्य गतिविधियों में भारी विघ्न के कारण इस निर्णय को जारी किया। ये छुट्टी केवल एक दिन की नहीं, बल्कि एक अनुभव की शुरुआत है — जहाँ बारिश ने न सिर्फ रास्ते बंद किए, बल्कि लोगों के दिनों को भी उलट दिया।
बारिश का असर: शुरुआत शनिवार से, चरम बुधवार को
ये बारिश कोई अचानक आई नहीं। शनिवार, 22 नवंबर से ही लगातार भारी बारिश चल रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पुडुचेरी और करैकल में एक दिन में 150 मिमी से अधिक बारिश हुई — जो औसत मासिक बारिश का लगभग एक चौथाई हिस्सा है। कुछ इलाकों में पानी जमीन से 1-2 फीट ऊपर आ गया। बसों की सेवा बंद, स्कूल बसें नहीं चलीं, और बाजारों में लोग आम तौर पर दोपहर तक नहीं आए। एक गाँव के व्यापारी ने कहा, "हमारा दुकान का फर्श पानी में डूब गया। अगर आज छुट्टी नहीं होती, तो हम बच्चों को भेजते तो जान ले जाते।"
कौन प्रभावित हुआ? सभी शिक्षा संस्थान, चाहे सरकारी या निजी
इस बार छुट्टी केवल सरकारी स्कूलों तक ही सीमित नहीं थी। पुडुचेरी, करैकल, माहे और यानम — पुडुचेरी के चारों जिलों के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहे। यहाँ तक कि कुछ निजी इंस्टीट्यूट्स जिन्होंने अपने निर्णय अलग से लिए थे, उन्होंने भी इस फैसले का समर्थन किया। एक निजी कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा, "हम अपने छात्रों की सुरक्षा को शिक्षा से ज्यादा महत्व देते हैं।" ये बात बहुत सारे अभिभावकों के दिल में उतर गई।
आपातकालीन तैयारी: आपदा प्रबंधन टीम एक्टिव
बारिश के शुरू होते ही, पुडुचेरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी टीमें तैनात कर दीं। उन्होंने निचले इलाकों में जाकर बारिश के बाद बने जलाशयों की निगरानी की, और उन घरों में जहाँ पानी घुस रहा था, वहाँ तुरंत बचाव टीम भेजी। एक अधिकारी ने बताया, "हमने बुधवार को ही 12 अलग-अलग स्थानों पर बाढ़ के लिए तैयारी शुरू कर दी थी।" इसके अलावा, सार्वजनिक कार्य विभाग ने ड्रेनेज सिस्टम को साफ करने की कोशिश की, लेकिन लगातार बारिश के कारण उनकी टीमें भी बहुत जल्दी थक गईं।
अन्य राज्यों में भी खतरा: तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप
पुडुचेरी की बारिश अकेली नहीं है। IMD ने आज एक विस्तृत चेतावनी जारी की — तमिलनाडु, केरल, माहे और लक्षद्वीप में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की उम्मीद है। चेन्नई के कुछ हिस्सों में भी पानी जमा हो रहा है। यह एक बड़े मौसमी तूफान का हिस्सा है, जो दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों को एक साथ छू रहा है। ये वास्तव में एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक राज्य की समस्या दूसरे राज्य को भी प्रभावित कर रही है।
क्या शिक्षा प्रभावित होगी? शिक्षा विभाग का जवाब
अभिभावकों का सबसे बड़ा सवाल यही है — ये दिन खो गए, फिर क्या होगा? शिक्षा विभाग ने तुरंत जवाब दिया: "छुट्टी के दिनों को बाद में अकादमिक कैलेंडर में भर दिया जाएगा।" ये एक मानक प्रक्रिया है, जो पिछले कई सालों में भी लागू हुई है। पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था, जब तूफान के कारण तीन दिन छुट्टी हुई थी। उस बार अकादमिक कैलेंडर को फरवरी तक बढ़ा दिया गया था। अब भी ऐसा ही होने की संभावना है।
क्या भविष्य में ऐसा फिर होगा?
ये सिर्फ एक बार की बारिश नहीं। पुडुचेरी के वर्षों का अनुभव बताता है कि अक्टूबर-नवंबर के महीने हमेशा बारिश के लिए जाने जाते हैं। लेकिन पिछले 10 सालों में बारिश की तीव्रता 40% बढ़ गई है — जैसा कि IMD के डेटा में दर्ज है। ये न केवल एक मौसमी घटना है, बल्कि जलवायु परिवर्तन का एक संकेत भी है। अगर यही रुझान जारी रहा, तो अगले साल भी ऐसी छुट्टियाँ सामान्य हो सकती हैं। अब सवाल ये है — क्या स्कूल और अधिकारी इसके लिए तैयार हैं?
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएँ चलेंगी?
शिक्षा विभाग ने अभी तक ऑनलाइन कक्षाओं की घोषणा नहीं की है। हालाँकि, कुछ निजी स्कूल अपने छात्रों के लिए वीडियो लेक्चर और डिजिटल असाइनमेंट भेज रहे हैं। सरकारी स्कूलों में अभी तक कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, लेकिन यह अगले कुछ दिनों में तय हो सकता है।
क्या बारिश के कारण बसों और ट्रेनों की सेवा बंद हो गई है?
हाँ, पुडुचेरी-करैकल राजमार्ग पर कई स्थानों पर बसें नहीं चल रहीं, क्योंकि रास्ते पानी से भरे हुए हैं। ट्रेन सेवाएँ अभी तक सामान्य हैं, लेकिन चेन्नई-पुडुचेरी रूट पर देरी की संभावना है। राज्य स्तरीय यातायात विभाग ने आज एक विशेष बुलेटिन जारी किया है।
क्या भविष्य में ऐसी बारिश के लिए बेहतर नियोजन होगा?
पुडुचेरी सरकार ने इस साल बाढ़ प्रबंधन के लिए 12 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, लेकिन अभी तक ड्रेनेज सिस्टम की सुधार नहीं हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अगले दो साल में निर्माण कार्य नहीं शुरू हुआ, तो हर साल ये समस्या दोहराई जाएगी।
क्या अन्य राज्यों में भी स्कूल बंद हो सकते हैं?
हाँ, तमिलनाडु के चेन्नई, कांचीपुरम और विल्लुपुरम जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी है। अगर बारिश अगले 48 घंटे में बढ़ती है, तो राज्य सरकार भी स्कूल बंद कर सकती है। अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन तैयारी शुरू हो चुकी है।