जब आपके राज्य में कोई त्योहार, ऐतिहासिक घटना या सामाजिक आंदोलन मनाया जाता है, तो सरकार एक राज्य स्तर की छुट्टी, एक ऐसी अवकाश घोषणा जो केवल एक राज्य में लागू होती है और उसके सभी सरकारी और अधिकांश निजी कार्यालयों को बंद कर देती है घोषित कर देती है। ये छुट्टियाँ देशभर में एक जैसी नहीं होतीं — उत्तर प्रदेश में एक दिन छुट्टी हो सकती है, जबकि महाराष्ट्र में वही दिन सामान्य कार्यदिवस रहता है। ये छुट्टियाँ सिर्फ आराम के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक पहचान और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने के लिए बनाई जाती हैं।
इन छुट्टियों का निर्णय राज्य सरकार, प्रत्येक राज्य की विधानसभा और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित सरकार, जो स्थानीय आवश्यकताओं और सांस्कृतिक विशेषताओं के आधार पर छुट्टियाँ घोषित करती है लेती है। कुछ राज्य अपने राज्य के संस्थापकों की जयंती पर छुट्टी देते हैं, तो कुछ राज्य धार्मिक त्योहारों को अधिक महत्व देते हैं। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु में पंगुनी उत्तरम की छुट्टी होती है, जबकि बिहार में नवरात्रि का दिन बंद रहता है। इसका मतलब ये है कि एक राज्य में काम करने वाला व्यक्ति दूसरे राज्य में घूम रहा हो तो उसके लिए ये छुट्टी काम नहीं करती। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आप कहाँ हैं — क्योंकि एक दिन की छुट्टी आपके लिए दो दिन का समय बन सकती है।
ये छुट्टियाँ सिर्फ बंद कार्यालयों तक सीमित नहीं हैं। बैंक, स्कूल, ट्रांसपोर्ट सेवाएँ, और अक्सर छोटे व्यापार भी बंद हो जाते हैं। बाजार खाली हो जाते हैं, ऑटो चालक आराम करते हैं, और लोग अपने घरों में बैठकर अपने सांस्कृतिक रीति-रिवाजों को निभाते हैं। लेकिन ये छुट्टी हमेशा आराम का दिन नहीं होती — कभी-कभी ये आंदोलनों का हिस्सा होती है, जैसे राज्य स्तरीय भाषा आंदोलन या शिक्षा सुधार के लिए बंद किए गए दिन।
अगर आप एक कामकाजी व्यक्ति हैं, तो ये छुट्टियाँ आपकी योजना बनाने में मदद करती हैं। क्या आपका बैंक खुला होगा? क्या आपका बिल भरने का दिन छुट्टी पर आ गया है? ये सवाल इन छुट्टियों के बिना जवाब नहीं मिलते। इसलिए ये छुट्टी सिर्फ एक दिन का बंद नहीं, बल्कि एक जीवन शैली का हिस्सा है।
इस पेज पर आपको ऐसी ही वास्तविक घटनाएँ, राज्यों के अलग-अलग छुट्टी के निर्णय, और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में लिखे गए लेख मिलेंगे — जहाँ आप देखेंगे कि एक छुट्टी कैसे एक पूरे राज्य के दिन को बदल देती है।
पुनेरी पल्टन ने U Mumba को 18‑0 से हराकर फिर से टॉप पर कब्ज़ा किया, जबकि जयपुर पिंक पैंथर्स ने लगातार जीत दर्ज की।
आरबीआई ने 23 अक्टूबर 2025 को भाई दूज पर गुजरात, सिक्किम, मनिपुर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में बैंक बंदी की घोषणा की। डिजिटल सेवाएँ जारी रहेंगी, ग्राहक को पहले से योजना बनानी चाहिए।
भारत एक अत्यंत अद्भुत देश है जो अनेक प्रकार की समस्याओं से गुजर रहा है। यह अनेक सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शासनिक समस्याओं का पर्याप्त सामना करना पड़ रहा है। जनसंख्या के बढ़ते दर से लोगों को काम करने के अवसर नहीं मिल रहे हैं और राजनीतिक स्थिति भी अस्थिर है। सरकार की नीतियाँ और कानून भी अधूरी हैं और अनेक क्षेत्रों में भ्रष्टाचार भी है। इसलिए, भारत इतना बुरा है।
अरे वाह! जापान में रहने का अनुभव तो एक अनोखा सफर ही रहा है। वहां के संस्कृति और टेक्नोलॉजी का मिलन तो देखकर मन बहल जाता है। सुशी से लेकर बॉट ट्रेन तक, सबकुछ अपना जादू सा छोड़ देता है। हाँ, कभी-कभी भाषा में दिक्कत हो जाती है लेकिन अगर आप एक कॉमिक बुक के हीरो की तरह हाथ-पैर चला कर संवाद कर सकते हैं तो बिलकुल चिंता की कोई बात नहीं। और हां, जापानी लोग बहुत ही स्नेही और सहायक होते हैं, वो तो आपको घर जैसा महसूस कराते हैं। तो दोस्तों, जापान में रहना एक भारतीय के लिए कुछ ऐसा ही रोमांचक सफर होता है।
इस ब्लॉग में हमने भारत में औसत आयु की कमी के मुख्य कारणों पर चर्चा की है। अनेक स्वास्थ्य सम्बंधित मुद्दों, गंदगी और प्रदूषण, गरीबी और अशिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और अनुचित आहार के कारण भारतियों की औसत आयु कम है। हमने इसे सुधारने के लिए सरकार और नागरिकों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला है।